🌴🌹🌴. TAZIA HARAM HAI ?? 🌴🌹🌴

इस्लाही मैसेज है पूरा ज़रूर पढ़ें
 *गुमराह लोगों__का_फुल_आॅप्रेशन!!*⚔⚔⚔⚔⚔⚔
   
ताजिया की असल बस इतनी ठीक है के रौज़ा-ए-ईमाम हुसैन की सही नकल बनाकर तबर्रुक की नियत से मकान में रखना शर‌अन कोई हर्ज नहीं है।

मगर ला इल्म (जाहिल) लोगों ने इस अस्ल को खत्म कर के (मुरव्वजह ताजियादारी) डिजाईनिंग ताजियादारी ढोल ताशे नौहा।मातम खेल कूद वगैरह मोहर्रम के नाम पर ये सब खुराफात शुरू कर दिये हैं
जबके ये सब न जाईज व हराम हैं

प्यारे अज़ीज़ पोस्ट लम्बा है मगर जरूर पढ़ें!
इन्शा अल्लाह तआला आपके इल्म में इज़ाफ़ा होगा
 ⚛ अहले सुन्नत व जमाअत के मुताअद्दिद उल्मा ए किराम वा औलिया ए अज़ाम ने इसे नाजाइज़ व हराम फरमाया है,

🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

#सवाल__न0:- 1-(अलिफ) मूरव्वजह ताजियादारी जाइज़ है या नानाइज़?
(बा) अलम और सद्दे (झंडे)निकालकर नीज ताजिया को शबे आशूरा गली कूचों मे गश्त करना फिर उसे दसवीं मुहर्रम को मस्नूई (बनावटी) करबला मे ले जाकर दफन करना पहली मुहर्रम से ढोल व ताशा बजाना फिर आशूरा के दिन ताजिया के आगे आगे ढोल ताशे बाजा बजाते हुए मस्नुई
(बनाबटी नक़ली) करबला तक ले जाना शरअन कैसा है नीज ताजियादारी अलम और सद्दे (झंडे) की असल क्या है।

#सवाल :- 2  ढोल ताशे और सद्दे वगैराह को मस्जिद या फिनाए मस्जिद मे रखना शरअन कैसा है नीज मस्जिद या फिनाए मस्जिद मे रखे हुए ढोल ताशे अलम और सद्दे को बाहर निकाल कर फेंक देने वाला शरअन मुजरिम होगा या नही?
बय्यिनू तुजरू

#जवाब__न0:- (अलिफ)👇

 ताजिया दारी मुरव्वजा हिन्द ना जाइज व बिद्अत ए सैय्यअह (बुरी बिद‌अत) व हराम है!

(बा)  ये सब ना जाइज़ व हराम है क़ातिले अहले इस्लाम और यह ना जाइज और हराम है तो इन की अस्ल क्या हो सकती है
हां अगर साइल की मुराद ये हो के ये किस की नकल है जिस की नकल हो उस की अस्ल क़रार दी जाए तो नज़रे गाइर मे ऐसा मालूम होता है कि अलम और सद्दे जो नेज़ों और झंडों की शकल मे होते हैं गालिबन यजीद फौज के उस फैल (काम) की नक़ल है जो उन्होंने करबला मे ज़ुल्म व ज़फा के पहाड़ तोडने के बाद इमाम आली मक़ाम का सरे मुबारक नेज़ों पर कूफ़ा की गलियों मे बतौर ए शादमाना (ख़ुशी) व मुबारकबादी घुमाया था!
 वल्लाहु तआला आलम
   
जवाब:- 02- 👇

ये वाहियात व ख़ुराफ़ात चीजें सब ना जाइज़ हैं तो जहां भी रखे ना जाइज ही है और मस्जिद या फिनाए मस्जिद मे बदर्जा ए औला ना जाइज़ और इन चीजों को मस्जिद से निकालकर फेंकने वाला सवाब पाएगा क्योंके उसने ना जाइज़ चीज़ को दफअ(निकाल दिया) किया और हदीस शरीफ़ पर अमल किया!!

📗खुतबाते मुहर्रम पेज 523,524}

अब आइए उन उल्मा ए किराम व औलिया ए अज़ाम के नाम भी पढ लिजीए। जिन्होंने मुरव्वज़ा ताजिया दारी ढोल ताशे बाजे को नाजाइज़ व हराम फ़रमाया👇
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
तस्दीक़ात_मज़हर ए_इस्लाम_बरेली_शरीफ!👇

1) मुहम्मद मुस्तफा रजा खांन (मुफ्तिए आजम हिन्द)

2) काजी मुहम्मद अब्दुर रहीम बस्तवी!
3) तहसीन रजा गुफिर लहू

4) मुहम्मद आज़म
5) मुजफ्फर हुसैन गुफिर लहू
      #मंजरे_इस्लाम__बरेली_शरीफ👇
6)  मुफ्ती सैय्यद मुहम्मद अफजल हुसैन गुफिर लहू।

7)  मुहम्मद एहसान अली उफिया अन्हु मुजफ्फर पुरी

8)..गुलाम मुज्तबा अशरफी

9)  सैय्यद मुहम्मद आरिफ रज़वी नानपारवी

10) खलील‌उर्रहमान रज़वी

11) मुहम्मद फ़ैज अहमद उफिय अन्हु सिद्दीकी

12) मुहम्मद उमर कादरी ओझा गंजवी बस्तवी

#जबलपुर।👇

13) कतबहु फ़क़ीर अब्दुल बाक़ी मुहम्मद बुरहानुल! अल-कादरी अर-रज़वी अस्सलामी गुफिर लहू

#मुम्बई👇

14) फ़क़ीर अबुल हसनैन आले मुस्तफा!अलकादरी अलबरकाती अननूरी गुफिर लहू

15) अस्सैयद हामिद अशरफ! अल अशरफी (कछौछवी)

16) मुईनुद्दीन दानिश अमीन गुफिर लहू टोंकी

17) खादिम मुहम्मद सलीम गुफिर लहू  रज़वी

#मुल्तान__पाकिस्तान!👇

18) फकीर मुहम्मद हसन अली अर-रज़वी अल-का़दरी गुफिर लहू खादिम मदरसा गौसिया अनवारे रज़ा मेल्सी मुल्तान!
 
#जावरा__जिला_रतलाम 👇

19) फकीर अब्दुल ताहिर मुहम्मद तय्यब अली क़ादरी गुफिर लहू मुफ्ती ए शहर जावरा (रतलाम) 

#मुरादाबाद यू पी👇

20) अल अब्दुल मुजनीब मुहम्मद हबीबुल्लाह गुफिर लहू नईमी अल अशरफी

21) मुहम्मद यूसुफ उफिय अन्हु (मोहतमिम जामिया नईमिया)

22)  अल फकीर मुहम्मद अय्यूब खां (अल-हबीबी,अन् नईमी)

23) मुहम्मद तारीकुल्लाह खादिम जामिया नईमीया

24) अल अब्द ए मुहम्मद हाशिम गुफिर लहू

25) अब्दुल हकीम मुहम्मदी क़ादरी नईमी गुफिर लहू

#मालवा__इंदौर👇

26) मुहम्मद रिज़वानुर्रहमान अल फारुकी़ मुफ्ती मालवा।
 
#मुजफ्फरपुर__बिहार।👇

27)मुहम्मद मतीउर्रहमान नूरी
मदरसा नूरूल हुदा पुखरेरा

28)मुहम्मद मुश्ताक़ अहमद गुफिर लहू बाथवी

29)मुहम्मद अतहर हुसैन बाथवी

#नागपुर👇

30) मुहम्मद अब्दुल रशीद गुफिर लहू(मुफ्ती ए जामिया)

31) मुहम्मद अब्दुल हफीज़ गुफिर लहू

32) अब्दुल मज्द मुहम्मद जैनुल  आबिदीन गुफिर लहू

33) मुहम्मद अब्दुल हकीम रज़वी अशरफी।

34) मुहम्मद शफी रज़वी गुफिर लहू

#मुबारकपुर___जिला_आज़म गढ़👇

35)  अब्दुल अज़ीज़ उफिय अन्हु। सदरूल मुदर्रिसीन अशरफिया

36)अब्दुल रऊफ गुफिर लहू मुदर्रिस अशरफिया

37) अब्दुल मन्नान आज़मी। मुफ्ती अशरफीया

38) मुहम्मद यहया गुफिर लहू। खादिम दारूल उलूम अशरफिया

#अमरोह__ज़िला_मुरादाबद।👇

39)  फ़क़ीर मुहम्मद खलील काज़मी उफिय अन्हु अमरोही।

#राय__बरेली👇

40) अब्दुल तव्वाब सिद्दीक़ी पक्सरावा राय बरेली।

#कछौछा__शरीफ।👇

41) सैयद मुहम्मद मुख्तार अशरफ सज्जादा नशीन कछौछा शरीफ

42) सैयद मुजफ्फर हुसैन कछौछवी

#टांडा___जिला_फैज़ाबाद!👇

43) अब्दुल अज़ीज अशरफी उफिय अन्हु

44)  फकीर मुहम्मद तय्यब ख़ांन गुफिर लहू! मुदर्रिस मदरसा मंजरे हक़

45)  मुहम्मद अय्यूब क़ादरी उफिय अन्हु

46)  मुहम्मद क़ुदरतुल्लाह आरिफ रज़वी

#इलतेफात__गंज__जिला_फैजा_बाद।👇

47) अब्दुर रऊफ अशरफी।

48) अहकर अब्दुल मतीन दुलमौवी

49) मुहम्मद जमील अहमद अलयार अलवी शमीम बस्तवी
 
50) मुहम्मद समीअ क़ादरी अलयार अलवी।

#बलरामपुर_ज़िला_गोंडा👇

51) मुहम्मद शरीफुल हक़ अमजदी जामिया अरबीया अनवारूल क़ुरान बलराम पुर।

#अमरडोभा__बस्डेला_ज़िला_बस्ती👇

52) अल अब्द सख़ावत अली उफिय अन्हु तनवीरूल इस्लाम

53) निजामुद्दीन उफिय अन्हु।
54) मुहम्मद अबुल लैस उफिय अन्हु।

55) मुहम्मद जहूर अहमद रज़वी उफिय अन्हु।

56) अब्दुश शकुर मुदर्रिस तदरीसुल इस्लाम बस्डेला

57) मुहम्मद इस्माइल अतहर बस्तवी।

#बराऊ_शरीफ_जिला_बस्ती।👇

 58) मुहम्मद सिद्दीक़ अहमद सज्जादा नशीन आस्ताना ए आलिया यार अलविया

59) गुलाम जीलानी उफिय अन्हु! (शैख़ हद्दीस फैजुर रसूल)

60) बदरुद्दीन अहमद अलक़ादरी रज़वी

61) मुहम्मद युनुस नईमी अशरफी।

62)अबुल बरकात अल-अब्द मुहम्मद नईमुद्दीन अहमद उफिय अन्हु

63) जलालुद्दीन अहमद अमजदी।

64) मुहम्मद साबिर क़ादरी नसीम बस्तयी

65) अली हसन नईमी अशरफी।

66) मुहम्मद हनीफ़ क़ादरी।

67) मुहम्मद मोहसिन चिश्ती यार अलवी

68) नूर मुहम्मद क़ादरी औझा गंजी।

69) मुहम्मद नुरूल हक़! खादिम हज़रत शाह साहब क़िब्ला

#भाव_पुर___ज़िला_बस्ती।👇

70) अलअब्द ए मुहम्मद हलीम क़ादरी यार अलवी

71) मुहम्मद समीउल्लाह क़ादरी।

72) अब्दुल जब्बार क़ादरी।

73) अब्दुल जब्बार क़ादरी चरखवी।

#बढया__जिला_बस्ती👇

74) मुहम्मद सिद्दीक़ क़ादरी नेपाली।

75) अब्दुल जब्बार अशरफी  मवी
_________________________________________
*#नोट:- जो नादान कहते हैं के मुरव्वज़ा ताजिया दारी हरामियों के लिए हराम और हलालीयों के लिए हलाल हैं तो वो बेवकूफ अब इन उल्मा ए किराम व औलिया ए अज़ाम के बारे में क्या कहना चाहेंगे,
याद रहे कुराफातीयो उल्मा ए हक़ व औलिया ए किराम के फ़तवों से इन्कार करना रसूल ए अकरम सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम के फ़रमान से इन्कार करना है,
अब भी वक़्त है तौबा करलो वरना अल्लाह तआला के आज़ाब से बच नहीं सकते!!

*खुदा عزوجل  तमाम मुसलमानों को हज़रत
इमाम हुसैन
 (رضی اللہ تعالی عنہ)
 के मक्सदे शहादत को समझने और मुहर्रम की जुमला बिद्अत ए सैय्या व खुराफात से बचने की तौफीक़ व रफीक़ अता फ़रमाए

Post a Comment

0 Comments