(बिस्मिल्लाहीर्रहमानीर्रहिम)
【सज़दे में जाते वक़्त क्या कहे?】
【26】 हज़रते अब हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की रसूलुल्लाह (ﷺ)...जब सज़दे में जाते तो तकबीर (अल्लाहुअकबर) कहते ...
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल अजान, जिल्द-1,हदीस-789)
【सज़दे में जाते वक़्त तरीका क्या हो?】
【27】 हजरते वाइल बिन हुज़र (रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की रसूलुल्लाह(ﷺ) सजदे में जाते वक़्त अपने घुटनो को हाथो से पहले ज़मीन पर रखते।और जब उठते तो अपने हाथो को घुटनो से पहले उठाते(सहीह)
1.सुननुल दारमी, किताबुस्सलात, जिल्द-1,हदीस-1359
2.सहीहुल इब्ने खुज़ैमा, किताबुस्सलात जिल्द-1, हदीस-629
3.सुननुल अबु दाऊद, किताबुस्सलात जिल्द-1, हदीस-830
4.सुननुल निसाई, जिल्द-1,हदीस-1092, 1157
5.सुननुल इब्ने माजा,जिल्द-1,हदीस-882
6.सुननुल तिर्मिज़ी,कितबुस्सलात,जिल्द-1,हदीस-252
7.मुस्तदरक अलल सहीहुलेन, जिल्द-1,सफा-337,हदीस-825
8.मुसन्दुल इमाम अबु हनीफा,सफा-273,हदीस-800
9.सुननुल दारकुतनी,जिल्द-2,हदीस-1291
10.शरह मानीउल आसार,किताबुस्सलात ,जिल्द-1,हदीस-1417
11.सुननुल कुबरा लील बैहकी,जिल्द-2,हदीस-2628
12.मुसन्दुल बज़्ज़ार,जिल्द-10,सफा-350-51,हदीस-4483
13.सहीहुल इब्ने हिब्बान,जिल्द-5,सफा-237,हदीस-1912
14.सुननुल कुबरा लील निसाई,हदीस-जिल्द-1,हदीस-229
15.मुअज़्ज़्मुल कबीर,जिल्द-22,सफा-39,हदीस-97
16.मिशकातुल मसाबिह,जिल्द-1,हदीस-898
【 सजदा कैसे करे】
【28】हजरते वाइल बिन हुज़र (रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की जब रसूलुल्लाह(ﷺ) .... सज़दे में गए तो अपनी हथेलियो के दरमियान सज़दा किया।(सहीह)
1.मुस्नदुल अहमद जिल्द-8, हदीस-19071
【29】हज़रते इब्ने अब्बास(रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की रसूलुल्लाह (ﷺ) ने पेशानी,नाक, दोनों हाथ, दोनों घुटनो और दोनों पेरो की उंगलियो पर सजदा करने का हुक्म फ़रमाया।
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल अजान, जिल्द-1,हदीस-812)
2.सहीहुल मुस्लिम किताबुसस्लात जिल्द-1,हदीस संख्या-1091
3.सुननुल तिर्मिजी,किताबुस्सलात,जिल्द-1, हदीस-257
4.सुननुल अबु दाऊद, किताबुस्सलात जिल्द-1,हदीस-882
5.सुननुल इब्ने माजा,किताब इकामतेसलात वल सुन्नाह जिल्द-1, हदीस-884
6. सुननुल निसाई,जिल्द-1,हदीस-1099
7.सहीहुल इब्ने खुज़ैमा, किताबुस्सलात जिल्द-1, हदीस-633
8.सुननुल दारमी,किताबुस्सलात,जिल्द-1 हदीस-1358
9.मुस्नदुल अहमद, जिल्द-2,हदीस-1927
10.सहीहुल इब्ने हिब्बान,हदीस-1923
【30】हज़रत अबु हुमेद साअदी (रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की रसूल (ﷺ) ...अपने पैरो की उंगलियो को किब्ला की ज़ानिब रखते
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल अजान, जिल्द-1,हदीस-828)
【 सज़दे में ऐतेदाल का खास ख्याल रखे】
【31】हज़रते रफ़ाआ बिन राफेअ (रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते है की रसूलुल्लाह (ﷺ) ....ने सज़दे में इत्मिनान का खास ख्याल रखने और पेशानी को ज़मीन पर अच्छी तरह टिकाने का हुक्म दिया...(सहीह)
1.सुननुल निसाई,जिल्द-1,हदीस-1056
2.सुननुल दारमी, किताबुस्सलात , जिल्द-1,हदीस-1368)
【कोहनियो को ज़मीन से अलग रखना】
【32】 हज़रते बराअ (रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की रसूल (ﷺ)ने सज़्दे में हाथ ज़मीन पर रख कर कोहनियो को उठाने का हुक्म दिया
1.सहीहुल मुस्लिम किताब:सलात, जिल्द-1,हदीस संख्या-1099)
【33】हज़रते अबदुल्लाह बिन मालिक(रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते है की आप(ﷺ) अपने बाज़ू बदन से इस कदर अलग रखते की आपके बगल मुबारक की सफेदी जाहिर होने लगती।
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल सलात, जिल्द-1,हदीस-390)
【34】फिर हज़रते अनस बिन मालिक (रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया सज़दे में ऐतदाल का खास ख्याल रखो अपने बाज़ुओं को कुत्ते की तरह ना बिछाया करो।
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल अज़ान, जिल्द-1,हदीस-822)
2.सहीहुल मुस्लिम किताबुसस्लात जिल्द-1,हदीस संख्या-1097)
3.सुननुल इब्ने माजा,किताब:इकामतेस्लात वल सुन्नाह जिल्द-1,हदीस-892
4.सुननुल निसाई, जिल्द-1 ,हदीस-1106
5.सुननुल दारमी, किताबुस्सलात, जिल्द-1,हदीस-1361
【 जल्दी जल्दी सज़दा करना मना है】
【35】 हज़रते अब्दुल हमीद बिन जाफर(रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की रसूल (ﷺ) ने सज़दे में कव्वे की तरह टोंगे मारने (यानी जल्दी जल्दी सज़दा करने) से मना फ़रमाया है।और इससे भी मना फ़रमाया की आदमी ऊंट की तरह एक जगह मुक़र्रर(फिक्स)करले।(सहीह)
1.सहीहुल इब्ने खुज़ैमा, किताबुस्सलात जिल्द-1, हदीस-662
2.सुननुल अबु दाऊद, किताबुस्सलात, जिल्द-1,हदीस-854
3.सुननुल दारमी, किताबुस्सलात, जिल्द-1,हदीस-1362
4.सुननुल निसाई, जिल्द-1 ,हदीस-1115
【सज़दे की तस्बीह】
【36】हज़रते हुज़ैफा (रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की रसूलुल्लाह(ﷺ)... सज़दे में "सुब्हान रब्बियल अआला" कहते...(सहीह)
1.सुननुल अबु दाऊद,जिल्द-1,हदीस-866)
2.सुननुल दारमी, किताबुस्सलात, जिल्द-1,हदीस-1345)
【सज़दे से सर उठाते वक़्त क्या कहे】
【37】 हज़रते अबु हुरैराह (रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते है की आप अल्लाहुअकबर कहते हुवे अपना सरे अक़दस उठाते...
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल अज़ान, जिल्द-1,हदीस-789)
【क़ाअदे में बैठने का तरीका】
【38】हज़रते आइशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) फरमाती है की आप.....काअदा में बाये पैर को बिछाकर उस पे बेठ जाते और दायें पैर को खड़ा रखते. और आप सलाम के साथ नमाज़ खत्म करते।
1.सहीहुल मुस्लिम किताब:मसाज़िद जिल्द-1,हदीस संख्या-1105
【दूसरा सज़दा कैसे करे】
【39】हज़रते अबु हुरैराह (रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते है की आप ......अल्लाहुअकबर कहते हुवे दूसरे सज़दे में चले जाते और इसी तरह अल्लाहु अकबर कहते हूवर सरे अक़दस उठाते......
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल अज़ान, जिल्द-1,हदीस-803)
【सज़दे से उठते वक़्त तरीका क्या हो】
【40】हजरते वाइल बिन हुज़र (रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की रसूल(ﷺ) ....जब सजदे से उठते तो अपने हाथो को घुटनो से पहले उठाते
1.सुननुल दारमी, किताबुस्सलात, जिल्द-1,हदीस-1359
2.सहीहुल इब्ने खुज़ैमा, किताबुस्सलात जिल्द-1, हदीस-629
3.सुननुल अबु दाऊद, किताबुस्सलात जिल्द-1, हदीस-830
4.सुननुल निसाई, जिल्द-1,हदीस-1092, 1157
5.सुननुल इब्ने माजा,जिल्द-1,हदीस-882
6.सुननुल तिर्मिज़ी,कितबुस्सलात,जिल्द-1,हदीस-252
7.मुस्तदरक अलल सहीहुलेन, जिल्द-1,सफा-337,हदीस-825
8.मुसन्दुल इमाम अबु हनीफा,सफा-273,हदीस-800
9.सुननुल दारकुतनी,जिल्द-2,हदीस-1291
10.शरह मानीउल आसार,किताबुस्सलात ,जिल्द-1,हदीस-1417
11.सुननुल कुबरा लील बैहकी,जिल्द-2,हदीस-2628
12.मुसन्दुल बज़्ज़ार,जिल्द-10,सफा-350-51,हदीस-4483
13.सहीहुल इब्ने हिब्बान,जिल्द-5,सफा-237,हदीस-1912
14.सुननुल कुबरा लील निसाई,हदीस-जिल्द-1,हदीस-229
15.मुअज़्ज़्मुल कबीर,जिल्द-22,सफा-39,हदीस-97
16.मिशकातुल मसाबिह,जिल्द-1,हदीस-898
जब आप अच्छी तरह खड़े हो जाते तो किरअत शुरू करते और फिर दूसरी रकअत उसी तरह पढ़ते जिस तरह पहली रकअत पढ़ी थी ।
फिर काअदा ऐ उला के लिए यु बैठते जेसे दो सज़दो के दरमियान बैठते थे।
सज़दे से उठते वक़्त तरीका क्या हो】
【40】हजरते वाइल बिन हुज़र (रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते है की रसूल(ﷺ) ....जब सजदे से उठते तो अपने हाथो को घुटनो से पहले उठाते
1.सुननुल दारमी, किताबुस्सलात, जिल्द-1,हदीस-1359
2.सहीहुल इब्ने खुज़ैमा, किताबुस्सलात जिल्द-1, हदीस-629
3.सुननुल अबु दाऊद, किताबुस्सलात जिल्द-1, हदीस-830
4.सुननुल निसाई, जिल्द-1,हदीस-1092, 1157
5.सुननुल इब्ने माजा,जिल्द-1,हदीस-882
6.सुननुल तिर्मिज़ी,कितबुस्सलात,जिल्द-1,हदीस-252
7.मुस्तदरक अलल सहीहुलेन, जिल्द-1,सफा-337,हदीस-825
8.मुसन्दुल इमाम अबु हनीफा,सफा-273,हदीस-800
9.सुननुल दारकुतनी,जिल्द-2,हदीस-1291
10.शरह मानीउल आसार,किताबुस्सलात ,जिल्द-1,हदीस-1417
11.सुननुल कुबरा लील बैहकी,जिल्द-2,हदीस-2628
12.मुसन्दुल बज़्ज़ार,जिल्द-10,सफा-350-51,हदीस-4483
13.सहीहुल इब्ने हिब्बान,जिल्द-5,सफा-237,हदीस-1912
14.सुननुल कुबरा लील निसाई,हदीस-जिल्द-1,हदीस-229
15.मुअज़्ज़्मुल कबीर,जिल्द-22,सफा-39,हदीस-97
16.मिशकातुल मसाबिह,जिल्द-1,हदीस-898
जब आप अच्छी तरह खड़े हो जाते तो किरअत शुरू करते और फिर दूसरी रकअत उसी तरह पढ़ते जिस तरह पहली रकअत पढ़ी थी ।
फिर काअदा ऐ उला के लिए यु बैठते जेसे दो सज़दो के दरमियान बैठते थे।
【तशह्हुद पढ़ना】
【41】हज़रते अब्दुल्लाह इब्ने मसऊद (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने फ़रमाया नबी(ﷺ)ने काअदेअ में ये दुआ पढ़ने का हुक्म फ़रमाया
अत्तहीय्यातु लिल्लाहि वस्सलवात वतय्यिबातु अस्सलामु अलैक अय्युहन्नबीय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्ला हीस्सालिहीन अशहदु अल्लाइलाह इलल्लाहु व अशहदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुह
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल अज़ान, जिल्द-1,हदीस-831
【42】हज़रते अबु हुरैराह (रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते है की आप ...तक़बीर कहते हुवे खड़े हो जाते ...
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल अज़ान, जिल्द-1,हदीस-803)
【 तीसरी और चौथी रकअत मुख़्तसर करना】
【43】हज़रते अबु क़तादा (रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते है की आप फिर तीसरी और चौथी रकअत अदा करते।और ये रकअते पहली और दूसरी रकअत से मुख़्तसर होती क्योंकि इनमे आप सिर्फ सूरह फातिहा पढ़ा करते थे...
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल अज़ान, जिल्द-1,हदीस-776)
【 आखरी काअदा करना】
【44】हज़रते आइशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) फरमाती है की आप काअदा में बाये पैर को बिछाकर उस पे बेठ जाते और दायें पैर को खड़ा रखते और आप सलाम के साथ नमाज़ खत्म करते।
1.सहीहुल मुस्लिम किताब:मसाज़िद जिल्द-1,हदीस संख्या-1105)
【45】हज़रते इब्ने उमर से मरवी है की ये नमाज़ की सुन्नत मेसे है की दाये पैर को खड़ा रखे और उंगलिया क़िबला की तरफ हो और बाये पैर को बिछाकर उसपर बैठ जाए (सहीह)
1.सुननुल निसाई, किताब इफ्तेताह, जिल्द-1 ,हदीस-1161
【आखरी काअदे में क्या पढ़े?】
【46】 आप(ﷺ)तशह्हुद यानी अत्तहिय्यातु(अत्तय्यातु लिल्लाहि वस्सलवात वतय्यिबात अस्सलामु अलैक अय्यूहन्नबीयु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्ला हीस्सालिहीन अशहदु अल्लाइलाह इलल्लाहु व अशहदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु) पढ़ते
1.सहीहुल बुखारी,किताबुल अज़ान, जिल्द-1,हदीस-831
【और इसके बाद】
【47】हज़रते अबु मसऊद अंसारी (रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते है की आपने
दुरुद ए इब्राहिमी (अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद वला आली मुहम्मद कमा सल्लेता अला इब्राहीम वला आली इब्राहीम इन्नक हमीदुम्मज़िद.
(अल्लाहुम्मा बारीक़ अला मुहम्मद वला आली मुहम्मद कमा बारकता अला इब्राहीम वला आली इब्राहीम इन्नक हमीदुम्मज़िद)पढ़ने का हुक्म फ़रमाया
1.सहीहुल मुस्लिम किताब:सलात, जिल्द-1,हदीस संख्या-902)
2.सहीहुल इब्ने खुज़ैमा,जिल्द-1, हदीस-711
【48】हज़रते अबु हुरैराह (रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते है की आपने जहन्नुम, अज़ाबे कब्र, ज़िन्दगी और मौत के फ़ित्नों और दज़्ज़ाल के फ़ितने से अल्लाह की पनाह मांगने का हुक्म फ़रमाया
1.सहीहुल इब्ने खुज़ैमा,जिल्द-1, हदीस-721
2.सहीहुल मुस्लिम किताब:मसाज़िद जिल्द-1,हदीस संख्या-1327)
और वो दुवाए करते जो किताबो सुन्नत में मज़कूर है
【सलाम फेरने का तरीका】
【49】हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद (रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते है की आप दायें ज़ानिब और बाये जानिब "अस्सलामुअलैकुम व रहमतुल्लाह" कहकर सलाम फेरते (सहीह)
1.सहीहुल इब्ने खुज़ैमा,जिल्द-1,हदीस-728
2. सुननुल अबु दाऊद,जिल्द-1,हदीस-984
कलिमाते सलाम की इब्तिदा किब्ला की तरफ मुँह करके करते और आखरी कलमा अदा करने तक चेहरा मुकम्मल दायें फिर बाये फेर लेते थे।
【नमाज़ के बाद दुआ व अज़कार】
【50】हज़रते सोबान (रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते है की जब आप सलाम फेर लेते तो तीन मर्तबा "अस्तग़फिरुल्लाह" कहते और फिर ये कलिमात कहते "अल्लाहुम्मा अन्तस्सलाम व मिनकस्सलाम तबारकता या ज़ुल्ज़लालि वल इकराम।
1.सहीहुल मुस्लिम किताबुल मसाज़िद जिल्द-1,हदीस संख्या-1329)
2.सुननुल तिर्मिज़ी, किताबुस्सलात जिल्द-1,हदीस-282
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